Dil Se

इजाज़त ले ली है तेरी यादों से मैने
अब न वो मेरे शहर में रहती हैं
न मैं उनके शहर में रहता हूँ
रोज़ा तोड़ दिया तेरे इन्तज़ार का
अब न भूख लगती है
न सांसे बेसबर सी फिरती हैं
चांद बेशक़ आसमान में आता होगा
मेने सितारों की संगत छोड़ दी है
तुझसे मुलाक़ात किसी और जहां में होगी अब
हिसाब की किताब मैने ऊपर वाले को सौंप दी है

हिमानी’ अज्ञानी’
www.himaniagyani.com

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